जनर जनर के बीते पन्ने
रूह में मेरी गम है,
प्यार में आंखे नम है।।
दिल में तेरा वाकिया है,
तुम ही मेरी साखिया है।।
तुम्हीं से सीखा और तुमसे हि पाया है,
मैने खुद को तेरे ही सजदे में लुटाया है।।
क्या खता रही होगी मेरी तुमसे मेरे सनम,
जो तेरा प्यार मेरे दिल को इतना भाया है।।
आंखे...
प्यार में आंखे नम है।।
दिल में तेरा वाकिया है,
तुम ही मेरी साखिया है।।
तुम्हीं से सीखा और तुमसे हि पाया है,
मैने खुद को तेरे ही सजदे में लुटाया है।।
क्या खता रही होगी मेरी तुमसे मेरे सनम,
जो तेरा प्यार मेरे दिल को इतना भाया है।।
आंखे...