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मुहब्बत का बोसा
हो कड़ी धूप या छांव घनेरी हो
ऐ सनम माथे पर तेरे
चांद का चुम्बन और सितारों का बोसा हो
हो कभी खुशियां या शाम कभी गमजदा हो
ऐ सनम हाथों पर तेरे
ओस का चुम्बन और कलियों का बोसा हो
हो साथ मेरा तेरा या कभी हम जुदा हो
ऐ सनम होठों पर तेरे
इश्क का चुम्बन और मुहब्बत का बोसा हो
✍️✍️✍️✍️© रंजना श्रीवास्तव
KissDay #KissDay😘
© Ranjana Shrivastava
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