क्यूँ सताती हो...?
रात की खामोशी में, तेरी यादें गुनगुनाती हैं,
तू नहीं मगर क्या करूँ, बातें तो याद आती हैं।
रुकते नहीं एहसास दिल...
तू नहीं मगर क्या करूँ, बातें तो याद आती हैं।
रुकते नहीं एहसास दिल...