ऐसे कर इमदाद।
खुश कैसेे होगा, जिसे आदत परेशं रहने की है,
तकलीफ कम उसे, आदत ज्यादा कहने की है,
ऐसा इंसान नहीं यहां,
जिसे किसी से कोई गरज ना हो।।
••ऐसे कर इमदाद,
वो ना भी करें तो भी तुम्हें दर्द ना हो।।
जरूरतमंद को दे, दिए हुए का नफा हो,
कैसे...
तकलीफ कम उसे, आदत ज्यादा कहने की है,
ऐसा इंसान नहीं यहां,
जिसे किसी से कोई गरज ना हो।।
••ऐसे कर इमदाद,
वो ना भी करें तो भी तुम्हें दर्द ना हो।।
जरूरतमंद को दे, दिए हुए का नफा हो,
कैसे...