...

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रिश्ते बहुत ही नाजुक होते हैं 🥺🥺🥺
अपने या पराए लेकिन
रिश्ते कोई निभा नही
सकता जब तक ?

रिश्ते बना तो लो निभाना भी पड़ता है
जब किसी को मुंह बोला रिश्ते का नाम
दो तो जिम्मेदारी और बड़ी हो जाती है

लेकिन जो लोग मतलब से बोले तो
उसके लिए ये मुंह बोले रिश्ते कुछ नही

किसी को अपना कह देने से कोई अपना
नही बन सकता सामने वाला तुमको अपना
माने तब अपना बोल सकते हो

रिश्ते का कोई एक नाम नही होता
बहुत से नाम के रिश्ते है लेकिन
कोई निभा एक भी नही पता

ऐसा क्यों कभी सोचा है 🤔🤔


वो इसलिए क्योंकि हमको हमीं से
फुरसत नहीं है तो किसी पे क्या ध्यान देंगे

इसी तरह हर रिश्ता हमसे दूर हो जाता है

हम खुद में खोए हुए है तो

आज की टाइम में किसी एक ने रिश्ता
निभा भी लिया तो सामने वाला उसको
बेवकूफ या पागल ही समझता है जेसे
दुनिया का सबसे बड़ा पागल यही है

ईमानदारी नही बायिमानी है है
लोगो में नाम में रिश्तों में

कुछ रिश्ते जब तक साथ है
तब तक जब तुमसे उसका कोई
बड़ा काम न पूरा हो जाए

फिर उसके बाद तुम कोन में कोन
ये मतलब के रिश्ते हर नाम में है
हर राह हर मोड़ पे है बास तलाश है
एक ऐसे की जिसको ये रिश्तों के
नाम पे पागल बना सके

हम जब किसी को बिना मतलब अपना
मान कर उसका हर हाल में साथ दे रहे है
तो दूसरा हमारा फायदा क्यों उठाए
।क्या किसी को अपना कहना गलती है
तो कुछ मत कहो यार

गांधी जी के जेसे उनके बंदर वैसे बन जाओ

देखो गलत आंखे बन्द कर लो
लेकिन कुछ देखो मत

सुनाई दे तो कान बंद कर लो
सुनो मत

बोले कुछ तुम गूंगे होंजाओ
पर कोई जवाब मत दो

लेकिन एक बंदर बाकी इनसे बहुत हद तक ठीक

जो सब कुछ जानता है वो फोन चला रहा है
उसको सबकी खबर है
लेकिन वो मस्त है क्यों
वो शेयर
कॉमेंट
फ़ॉलो
यही सब कर रहा है
लेकिन उनके कहने के बहुत सारे रिश्ते दार है
ग्रुप फैमिली है
भाई है
दोस्त है
इंस्टा फैमिली है
फेस बुक फैमली
यहां रिश्ते इतने मजबूत क्यों
होते है क्योंकि यहां सिर्फ मतलब है लाइक कमेंट फॉलोव का हमने किसी को किया वो भी हमको आगे तक बढ़ा देगा यही चाहत इंसान को खुद के रिश्ते अपनो से दूर गेरो के करीब ले आती है
लेकिन यहां भी धोका हो। जाता है
कोई कोई साथ देता है तो बहुत से नही रिश्ते सब बनाकर बैठे है

निभाना कोन चाहता है कोई बता दे

सब जगह मतलबी है लोग किसको अपना कहोगे

तुम खुदको को पहचान लो तुम कोन हो क्या हो
जिस दिन खुदको जान लिया तुमको किसी की
जरूरत ही नही होगी

तुम खुदको का इतना बड़ा सहारा हो तुमको कोई क्या सहारा देगा किसी की क्या औकात तुमको कोई सहारा देने की सोचे तुम खुद में सब कुछ हो

वरना कुछ भी नही होकर भी बहुत कुछ
न हो कर भी कुछ नही

दूसरो से प्यार की उम्मीद
रिश्ता की उम्मीद मत करो
खुद की पहचान एक बहुत बड़ी जीत है जो हर कोई हासिल नही करता


© hatho ki lakiren aur kuch nhi......