...

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मैं और गौरैय्या 🕊️

हर भोर मानों गुनगुनाती है
एक खुबसूरत मधुर गीत सुनाती है

तमस शनै: शनै: छटता जाता है
आलोक कुछ यूं घर आता है
मानो गोरी के चेहरे की मुस्कान
खिलखिलाहट में तब्दील हो जाये

मेरे कमरे में तमस कोनों में
छुप जाता है
मानों आलोक से लुका-छिपी
खेल रहा हो

मैं कमरे की लाइट जला देता हूं
और मोबाइल में खो जाता हूं
इससे पहले कि गुड मार्निंग मैसेज
भेज पाऊं

खिड़की पर एक छोटी सी गौरैय्या
आ बैठती है
कभी जल्दी जल्दी, कभी तीव्र स्वर में
जाने क्या क्या कहती है

समझ में तो कुछ नहीं आता है
पर...