...

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मै एक भ्रम हूँ उसका
#WritcoPoemPrompt48
Write a poem about a time that your illusions of someone or something were shattered.

मेरा वजूद नहीं
हो कर भी,
उसके लिए आज
मै ही सब कुछ हूँ,
सोचता है वो
उस की सांसों पर बस
नाम है अब भी मेरा ,
शायद, मै उसका एक भ्रम हूँ,
मिट्टी हो कर भी
हूँ मै उसी के साथ
करता है घंटों बाते
हर रोज वो मुझ से ,
लगता है यूँ उसे
हूँ मै अब भी सामने उसके
शायद, मै उसका एक भ्रम हूँ,
रोजाना यूँ, ठीक नही,
हकीकत से परे रहना ,
खुद को ही , ठीक नही,
हर पल धोखे में रखना,
चाये के दो प्याले
मेज पर अब भी लगाता है वो ,
इन्तजार मेरा,
करता है अब भी वो
आऊंगी मैं फिर
एक रोज लौट कर पास उसके
यकीनन, मै उसका एक भ्रम ही तो हूँ ।

sangeeta
27/6/2021