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......
इस ज़हां में प्यार मोहब्बत की हर बात फिजूल है,
जिस्म को नोच खाना यहाँ सबका ही उसूल है,
यकीं ऐतबार भरोसा कभी नहीं काम आता है,
जिसने किया किसी पे, उसे क़ीमत चुकाना होता है,
देखे जाते हैं सपने जो बंद आँखों से अक्सर,
हर क़दम पर ठोकर खाकर होता है वो जर्जर,
ना स्त्री ना पुरुष यहाँ सबकी यही कहानी है ,
ईमानदारी बस धोखा यहाँ, फरेब की निशानी है,
रिश्ते ना ख़ून के, ना दिल के यहाँ बसते हैं,
डोली में विदाई कभी, बाद वही अरथि में सजते हैं।
© @Deeva
जिस्म को नोच खाना यहाँ सबका ही उसूल है,
यकीं ऐतबार भरोसा कभी नहीं काम आता है,
जिसने किया किसी पे, उसे क़ीमत चुकाना होता है,
देखे जाते हैं सपने जो बंद आँखों से अक्सर,
हर क़दम पर ठोकर खाकर होता है वो जर्जर,
ना स्त्री ना पुरुष यहाँ सबकी यही कहानी है ,
ईमानदारी बस धोखा यहाँ, फरेब की निशानी है,
रिश्ते ना ख़ून के, ना दिल के यहाँ बसते हैं,
डोली में विदाई कभी, बाद वही अरथि में सजते हैं।
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