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श्री राधा
तीनों लोकों में जिनकी कृपादृष्टि सबसे न्यारी है
कृष्ण की तो सखियां कई पर अपनी ठाकुरानी तो श्री राधिका रानी है
राधिका, वृंदा गोपिका किशोरी जिनके नाम हैं
जिनके रूपमाधुर्य से हो जाता भस्म स्वयं देवता काम है
श्यामवर्ण हैं कान्हा राधिका गोरी है
वृंदावन में धूम मचाती सखियों संग ब्रज की छोरी है
आश्रय जिसने राधा नाम का पाया है कृष्ण ने उसे अपनी शरण में अपनाया है
द्वारका में हो या मथुरा में कृष्ण राधा के तो रोम रोम में समाया है
सहज स्वभाव से भरी प्रेमरस की दात्री हैं
साधु संत भी ना जान सकें महिमा को जिनकी ऐसी ब्रज की वो देवी अधिष्ठात्री हैं
सर्व दुख तारिणी सहज कृपादायिनी
रानियां तो हैं और भी पर राधा तो हैं श्री कृष्ण मनोहारिनी
नाम लेने मात्र से जिनका कट जाए जीवन की सारी बाधा
ऐसी कृपासिंधु हैं देवी राधा
कृष्ण से विरह व्यथा सहकर श्री राधा ने प्रेमाश्रुओं से सरोवर बनाया
केवल पाना ही नहीं प्रेम है संसार को शाश्वत प्रेम का अर्थ समझाया
श्री राधा का अनंत है त्याग और कृष्ण संग अपार प्रीत अनुराग
त्याग और प्रेम की निर्मल धारा है संसार में शाश्वत प्रेम का मूर्त उदहारण हैं देवी राधा
© Hema j