बंटाढार
घर में पंद्रह लाख नहीं तो
पढ़ना है बेकार तुम्हारा।
नेता रिश्तेदार नहीं तो
पढ़ना है बेकार तुम्हारा।
सच्ची खबर नहीं छपती है
घटिया है अखबार तुम्हारा।
...
पढ़ना है बेकार तुम्हारा।
नेता रिश्तेदार नहीं तो
पढ़ना है बेकार तुम्हारा।
सच्ची खबर नहीं छपती है
घटिया है अखबार तुम्हारा।
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