इंसान
हे ईश्वर, ये तूने कैसे इंसान बनाये
कहने को तो सबसे बुद्धिमान प्राणी कहलाये
पर ये कैसी बुद्धिमता, इक - दूजे पर ही कहर बरसाए
इंसा होकर इंसान के खून से अपनी प्यास बुझाये!
तुने तो एक हरा - भरा संसार बनाया
इस मानव को सर्वोच्च पद दिलाया
पर देख, क्या उपयोग किया है इसने तेरी इस बुद्धि का
इस शक्ति का, गोले बारूद का
धरती को है ढेर बनाया
क्या यही है...
कहने को तो सबसे बुद्धिमान प्राणी कहलाये
पर ये कैसी बुद्धिमता, इक - दूजे पर ही कहर बरसाए
इंसा होकर इंसान के खून से अपनी प्यास बुझाये!
तुने तो एक हरा - भरा संसार बनाया
इस मानव को सर्वोच्च पद दिलाया
पर देख, क्या उपयोग किया है इसने तेरी इस बुद्धि का
इस शक्ति का, गोले बारूद का
धरती को है ढेर बनाया
क्या यही है...