![...](https://api.writco.in/assets/images/category/big/inspiration.webp)
4 views
मुसाफिर
तू एक मुसाफिर है अगर तो मुसाफिर ही सही
यहां तक तो आया है पर ये सफर काफ़ी नहीं
अभी तो आधा ही है रास्ता जो तूने जाना है
ये तो सफऱ की एक शुरुआत है तेरे मुकाम का अंत नहीं.
मुश्किलें आएंगी हर राह हर मोड़ पर
नाकामियों का बोझ ना सोने देगा तुझे रात भर
सुबह उठ के तू खुद को कमजोर पाएगा
दोबारा चलने से शायद तू फिर घबराएगा.
पर मुसाफिर की फ़ितरत है,मुसाफिर रुकते नहीं
उचाईयो को देख मुसाफिर थकते नहीं
तू अगर मुसाफिर है तो मुसाफिर ही सही
यहां तक तो आया है पर ये सफर काफ़ी नहीं.
© Harshita
यहां तक तो आया है पर ये सफर काफ़ी नहीं
अभी तो आधा ही है रास्ता जो तूने जाना है
ये तो सफऱ की एक शुरुआत है तेरे मुकाम का अंत नहीं.
मुश्किलें आएंगी हर राह हर मोड़ पर
नाकामियों का बोझ ना सोने देगा तुझे रात भर
सुबह उठ के तू खुद को कमजोर पाएगा
दोबारा चलने से शायद तू फिर घबराएगा.
पर मुसाफिर की फ़ितरत है,मुसाफिर रुकते नहीं
उचाईयो को देख मुसाफिर थकते नहीं
तू अगर मुसाफिर है तो मुसाफिर ही सही
यहां तक तो आया है पर ये सफर काफ़ी नहीं.
© Harshita
Related Stories
7 Likes
2
Comments
7 Likes
2
Comments