ग़ज़ल
है नहीं कोई हम-नशीन मेरा
या'नी चेहरा नहीं हसीन मेरा
छीन बैठा है मेरी हस्ती को
दर-ओ-दीवार तो न छीन मेरा
कर...
या'नी चेहरा नहीं हसीन मेरा
छीन बैठा है मेरी हस्ती को
दर-ओ-दीवार तो न छीन मेरा
कर...