एक तारा-2
एक तारा जो था टूट गया,
लगा था साथ अब छूट गया,
असल में वो सब भ्रांति थी,
उस कुटिल समय की क्रान्ति थी!
वो तारा फिर से चमका है,
निश्छल प्रेम से दमका है,
पहले से अधिक सुन्दर और...
लगा था साथ अब छूट गया,
असल में वो सब भ्रांति थी,
उस कुटिल समय की क्रान्ति थी!
वो तारा फिर से चमका है,
निश्छल प्रेम से दमका है,
पहले से अधिक सुन्दर और...