...

9 views

मर रहा है..
इक हमारा इक तुम्हारा हमसे जुड़ा हर वो एहसास मर रहा है ।
कल तक था जो ज़िन्दा मकां मे अपने वो भी तन्हा मर रहा है ।।

चैन से जलते देखा था हमने शमशानों मे मरकर ज़िस्मों को यहाँ ।
क्या दौर है ये दुनियाँ का, जो ज़िन्दा इंसान ज़िन्दा ही मर रहा है ।।

इक शज़र था लगा आँगन में मेरे जिस पर झूला था बचपन मेरा...