...

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मेरे दोस्त पुराने मिल जाएँ
मैं खोज रहा था कि मुझको

मेरे दोस्त पुराने मिल जाएँ

बिछड़ गए जो खास कभी थे

हम एक अभी तो हो जाएँ

आग धधकती है सीने में जब

कुछ बड़ा कहीं तो हो जाए

चलते चलते थक जो गए

मंजिल का रास्ता तब दिख जाए

कहता रहता हूँ खुद से मैं कोई

मंजिल तो हाँथ को लग जाए

अब रुकने लगे हैं कदम मेरे जो

मुझे दोस्त पुराने ही मिल जाएँ

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