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मेरे दोस्त पुराने मिल जाएँ
मैं खोज रहा था कि मुझको
मेरे दोस्त पुराने मिल जाएँ
बिछड़ गए जो खास कभी थे
हम एक अभी तो हो जाएँ
आग धधकती है सीने में जब
कुछ बड़ा कहीं तो हो जाए
चलते चलते थक जो गए
मंजिल का रास्ता तब दिख जाए
कहता रहता हूँ खुद से मैं कोई
मंजिल तो हाँथ को लग जाए
अब रुकने लगे हैं कदम मेरे जो
मुझे दोस्त पुराने ही मिल जाएँ
#modernthinker #WritcoQuote #writcoapp
© Modern Thinker
मेरे दोस्त पुराने मिल जाएँ
बिछड़ गए जो खास कभी थे
हम एक अभी तो हो जाएँ
आग धधकती है सीने में जब
कुछ बड़ा कहीं तो हो जाए
चलते चलते थक जो गए
मंजिल का रास्ता तब दिख जाए
कहता रहता हूँ खुद से मैं कोई
मंजिल तो हाँथ को लग जाए
अब रुकने लगे हैं कदम मेरे जो
मुझे दोस्त पुराने ही मिल जाएँ
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