कमल का फूल हूं मैं...
कमल का फूल हूं मैं....
अपनी खूबसूरती से मैं....
कभी पूरे तालाब की सुंदरता बढ़ाती हूं...
तो कभी ईश्वर के चरणों में,,,,
शीश झुकाती हूं.......
कभी घर ऑफिस की रौनक बढ़ाती हूं..
तो कभी किसी/कहीं और की सुंदरता बढ़ाती हूं..
फिर भी,मैं भी....
कहीं -कहीं नकार दी जाती हूं.....
क्योंकि कभी -कभी किसी को गुलाब के फूल की जरूरत होती है,,,
तो कभी किसी...
अपनी खूबसूरती से मैं....
कभी पूरे तालाब की सुंदरता बढ़ाती हूं...
तो कभी ईश्वर के चरणों में,,,,
शीश झुकाती हूं.......
कभी घर ऑफिस की रौनक बढ़ाती हूं..
तो कभी किसी/कहीं और की सुंदरता बढ़ाती हूं..
फिर भी,मैं भी....
कहीं -कहीं नकार दी जाती हूं.....
क्योंकि कभी -कभी किसी को गुलाब के फूल की जरूरत होती है,,,
तो कभी किसी...