dhaag ki peeda (awake women)
ओ श्वेत वर्ण के पवित्र दामन
क्यों है हताश और निराश तू
काहे अश्रु बहा पेहला रहा अपने दाग़ को
क्या ज्ञान नही तुझे
जो दामन श्वेत और पवित्र हो
उसपे ही मनुज करे सितम
अगर काला और अशुद्धि से भरा है तो
कुछ भी नही होगा तेरा मोल
यह मत ससझ ना,तू मलीना हो गया
अमूल्य प्रशमसीय है...
क्यों है हताश और निराश तू
काहे अश्रु बहा पेहला रहा अपने दाग़ को
क्या ज्ञान नही तुझे
जो दामन श्वेत और पवित्र हो
उसपे ही मनुज करे सितम
अगर काला और अशुद्धि से भरा है तो
कुछ भी नही होगा तेरा मोल
यह मत ससझ ना,तू मलीना हो गया
अमूल्य प्रशमसीय है...