वो ख्वाब सा
वो खवाबो सा है, आंखे बंद करती हूँ तो सामने नज़र आता है, लेकिन जब आंखे खोलती हूँ तो फिर से ख्वाब सा हो जाता है, हर रात वो सपनों मैं आता है, मुझसे ढेर सारी बातें करता है, सुबह आंख खुलते ही वो गायब हो जाता है, हर रात सपनों मैं आकर वो मेरा हाथ थामता है मुझसे अपने प्यार का इकरार करता है, अपने हाथों से वो मेरी सुल्फो को सुलझाता है, मेरे माथे को चूमता है, अपने प्यार का एहसास करवाता है, लेकिन जैसे ही आंख खुलती है वो फिर से एक ख्वाब...