खुद का जुगनू बनना है।
आसान कहाँ होता है
गिरते है संभलते है
फिर उठ जाते है
हम पंतगे है जनाब
आग से थोड़ी डरते है
पता होता है
जल जायेगे वो कहेंगे नहीं होगा
आग के पास जाकर फिर क्यों
फिर भी मुक्ति के वो मुझसे
खातिर जलते है
दिल मे जूनून...
गिरते है संभलते है
फिर उठ जाते है
हम पंतगे है जनाब
आग से थोड़ी डरते है
पता होता है
जल जायेगे वो कहेंगे नहीं होगा
आग के पास जाकर फिर क्यों
फिर भी मुक्ति के वो मुझसे
खातिर जलते है
दिल मे जूनून...