कुछ बात करते हैं
आओ इस सर्द सुबह से मुलाकात करते हैं
थाम कर चाय का प्याला आपस में कुछ बात करते हैं
उड़ती हुई गर्म भाप से खोल लें मन की सलवटें
दबे हैं जो मन में जाने कब से बयाँ वो जज़्बात करते हैं
बिछ गई थी रिश्तों पर जो बर्फ़ तुम्हारी मेरी...
थाम कर चाय का प्याला आपस में कुछ बात करते हैं
उड़ती हुई गर्म भाप से खोल लें मन की सलवटें
दबे हैं जो मन में जाने कब से बयाँ वो जज़्बात करते हैं
बिछ गई थी रिश्तों पर जो बर्फ़ तुम्हारी मेरी...