vo main hu
दिन महीने साल जनम
आज लिखती ये मेरी कलम
गुजर जाएंगे यूं ही
पर जो सोने ना देगा
वो एक विचार मैं हूं
लोग मिलेंगे यूं ही
बातें भी होंगी यूं ही
लेकिन उन बातों में
वो दिल को चुभने वाली
एक तीखी बात मैं हूं
महफिलें होंगी...
आज लिखती ये मेरी कलम
गुजर जाएंगे यूं ही
पर जो सोने ना देगा
वो एक विचार मैं हूं
लोग मिलेंगे यूं ही
बातें भी होंगी यूं ही
लेकिन उन बातों में
वो दिल को चुभने वाली
एक तीखी बात मैं हूं
महफिलें होंगी...