मजहब़ की राजनीति
तोड़कर तुम हमें मजहब़ के नाम पर ।
कुछ इस तरह मुस्कुराते हो, जैसे संसद में बैठ देश को बाँटने की रणनीति तुम बनाते हो।
पढे़ लिखे अनपढो़ को लडा़कर तुम घर में बैठ तमाशे देख ताली...
कुछ इस तरह मुस्कुराते हो, जैसे संसद में बैठ देश को बाँटने की रणनीति तुम बनाते हो।
पढे़ लिखे अनपढो़ को लडा़कर तुम घर में बैठ तमाशे देख ताली...