मुहब्बत का इकरार!
समंदर जैसे तेरे दिल मे,
नदी बनकर रह लूंगी मैं!
परवा नहीं अब किसी की ,
सबको ठुकराके तुझे चुन...
नदी बनकर रह लूंगी मैं!
परवा नहीं अब किसी की ,
सबको ठुकराके तुझे चुन...