सिर्फ़ तुम
पगडंडी पर छपते तुम्हारे पैरों के निशान
पलट कर देखती तुम्हारी प्यारी मुस्कान
तुम्हारी मौजूदगी के अहसास मात्र से
इठलाते खेत खलिहान तृण और धान
जहां...
पलट कर देखती तुम्हारी प्यारी मुस्कान
तुम्हारी मौजूदगी के अहसास मात्र से
इठलाते खेत खलिहान तृण और धान
जहां...