...

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ज़िन्दगी कैसी है
ज़िन्दगी कैसी है
अगर बताऊ मैं ज़रा
तो ऐसी भी नहीं की फूल कहूं
और कांटा तो कह नहीं पाऊँगी ना
बस ऐसे है जैसे सब कहते है
की" प्यासे तड़प रहे थे..
और पानी में ज़हर था,
पीते तो भी मरते..
ना पीते तो भी मरते"!

© Shweta Rao