ये तेरे लिए,बहन
ये तेरे लिए,बहन
उसके दुश्मनों को,उसके पास आने से पहले मुझसे मिलना होगा।
तब भी उनके दुश्मनों को मेरी सलामी,जिन्होंने उससे टकराने की हिम्मत की।वही अगर कोई मुझे कुछ बोल दे,तो मेरी बहन को ये बर्दाश्त नहीं होता।
हर रक्षाबंधन पर उसे पैसे, तो मुझे मिठाई का इंतजार रहता।
और उसके बालों को मेरे, मेरे पिता, मेरे माँ के अलावा कोई छू करके तो दिखाए,वो मासूम कब शेरनी बन जाए।इसका भी कोई ख़्याल नहीं रहता हैं।
हाँ! हुई है, उसके और मेरे बीच बहुत-सी जंग लेकिन,नतिजा ये ही रहता,सुलह हो ही जाती थी। अब पूरे जीवन भर नाराज़ रह कर,बैठ नहीं सकता।
एक ही था,निमोद टीवी का,जिसके लिए तीनो लड़ते,मैं, मेरी बहन और मेरा भाई,जिसके हाथ में आता निमोद,वही विजेता कहलाता।पहले उसकी मानी जाती फिर,दूसरे की भी बात मान ली जाती।
जब भी मैं,चिढ़ाता उसे, तब वो मुझे पूरा घर का चक्कर लगवा देती।
जब वो...
उसके दुश्मनों को,उसके पास आने से पहले मुझसे मिलना होगा।
तब भी उनके दुश्मनों को मेरी सलामी,जिन्होंने उससे टकराने की हिम्मत की।वही अगर कोई मुझे कुछ बोल दे,तो मेरी बहन को ये बर्दाश्त नहीं होता।
हर रक्षाबंधन पर उसे पैसे, तो मुझे मिठाई का इंतजार रहता।
और उसके बालों को मेरे, मेरे पिता, मेरे माँ के अलावा कोई छू करके तो दिखाए,वो मासूम कब शेरनी बन जाए।इसका भी कोई ख़्याल नहीं रहता हैं।
हाँ! हुई है, उसके और मेरे बीच बहुत-सी जंग लेकिन,नतिजा ये ही रहता,सुलह हो ही जाती थी। अब पूरे जीवन भर नाराज़ रह कर,बैठ नहीं सकता।
एक ही था,निमोद टीवी का,जिसके लिए तीनो लड़ते,मैं, मेरी बहन और मेरा भाई,जिसके हाथ में आता निमोद,वही विजेता कहलाता।पहले उसकी मानी जाती फिर,दूसरे की भी बात मान ली जाती।
जब भी मैं,चिढ़ाता उसे, तब वो मुझे पूरा घर का चक्कर लगवा देती।
जब वो...