...

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जवानी
भंवरे जैसा था दिल जब, वो जवानी लिख रहा हूं
उस पल बीती हर रात, सुहानी लिख रहा हूँ
जिस मोड से गुजरता है, हर कोई कभी न कभी
उस मोड पे गुजरी मेरी, कहानी लिख रहा हूं
जख्म था या मरहम ये पता नी था कुछ,
बस जो रह गया जीवन भर के लिए, वो निशानी लिख रहा हूं।
उस पल बीती हर रात, सुहानी लिख रहा हूँ

एक भंवरा जब अक्सर ही कलिया देखा करता था
एक प्यारी फूल के लिए, अक्सर गलियां देखा करता था
कांटे भी होते अक्सर ,उनसे भी उलझा करता था।
उन कांटो से हुई तकरार की कहानी लिख रहा हूं
भंवरे जैसा था दिल जब, वो जवानी लिख रहा हूं
उस पल बीती हर रात, सुहानी लिख रहा हूँ
© Anjaan