एक ख़्वाब कुछ जज़्बात
बस तुझसे मिलने का ख़्वाब पाले हूं मैं
तुम पागल समझते हो मुझे तो हां हूं मैं
कहते हैं हमारे बीच अफसाना नही था
बस इक बार कह दो तुम्हारा कौन हूं मैं
अगर हमदर्द है तो कभी आ मेरे सामने
क्यों पूछते...
तुम पागल समझते हो मुझे तो हां हूं मैं
कहते हैं हमारे बीच अफसाना नही था
बस इक बार कह दो तुम्हारा कौन हूं मैं
अगर हमदर्द है तो कभी आ मेरे सामने
क्यों पूछते...