...

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#बेवफ़ा
मुझसे बेहतर मुझे पहचानती थी जो
बिन कहे हर मर्ज़ जान लेती थी वो,
मेरे दिल तक जाती अँधेरी गलियाँ
हर बुरे ख़्वाहिश मेरे
गहरा हर राज़ मेरा जानती थी वो,
कल महक कोई अजनबी सी
रात सारी मे ओढ़ के आई थी वो,
कोई झूट छुपा रहा था काँपता बदन
फ़िर पता लगा कहीं और
दिल लगा आई है वो,
आज कह गई मुझसे
कि मोहब्बत नहीं है उसे,
बस जाते जाते इल्ज़ाम मुझपे लगा
बेवफ़ा मुझे नाम दे गई है वो।
© सbr