...

14 views

कोरोना कहीं गया नहीं है...
मेरे अल्फाज आज रुके हुए थे...
जब मैं वह दृश्य को देखकर लौट रही थी...
दिल में कोई डर बसा हुआ था,जो कल तक नहीं था..
कुछ ऐसा दृश्य की धड़कन रुक गई, और सांस मेरी थम गई!
कल मैं अपनी सहेलियों के साथ अपने जन्मदिन की खुशी मनाने होटल में खाना खाने गई थी.
कोरोना का डर लॉकडाउन के बाद मन से निकल गया था!
जन-जीवन सामान्य हो गया था.
अचानक से इस कोरोना ने वापस से दस्तक ली!
और इस बार वह और तेजी से फैल रहा था।
श्याम को मैं जब घर का कुछ सामान लेकर घर वापस जा रही थी, तब उसी रास्ते में एक अस्पताल से मैं गुजर रही थी!
अचानक से मुझे मेरे कानों में किसी के रोने की आवाज सुनाई दी.
वह आवाज कोई दो लड़कीयों और एक लड़के की थी.
वह रोते-रोते बोल रही...