...

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वक़्त (waqt)
वक़्त के साथ ये उमर भी ढलती रही
जिंदगी यादों की किताब बनती रही
अच्छे बुरे इसमें सब पन्ने जुड़ते रहे
कुछ इस तरह हम वक़्त के साथ चलते रहे
जो दिखाई राह वक़्त ने हम उधर मुड़ते रहे
रुका नही कभी वक़्त,ये हर पल चलता रहा
कभी खुशी कभी गमों से मैं अक्सर मिलता रहा
बदलता रहा ये वक़्त मैं भी साथ बदलता रहा
जिंदगी के उतार चड़ाव से मैं हर पल लड़ता रहा
और बस यही एक गलती मैं हमेशा से करता रहा
मै सिरहाने पे ख्वाबों के सितारें को बुनता रहा
था अपनों के हिस्से का वक़्त जो वो गैरों को देता रहा
दुसरों को पाने की चाह में अपनो से दूर जाता रहा
फिर आखिर में जब मिला फुर्सत का वक़्त मुझे गैरों से
अफसोस तब अपना कहने वाले सब सितारों को चल दिये।
© The Silent one

My diary of love ❤
#thesilentone