कुदरत की खूबसूरती
मिलकर नव निर्माण करें हम।
परदूषण मुक्त संसार करें हम।
डर से जो छुप कर बैठे,
उन जीवो को आज़ाद करें हम।
बनस्पती जो काट रहे हैं,
उसका ना इतना घान करें हम।
मेहल तो बहुत डाल लिए हैं,
थोड़ा कुदरत का भी ख्याल करें हम।
मिलकर नव निर्माण करें हम।
परदूषण मुक्त संसार करें हम।
डर से जो छुप कर बैठे,
उन जीवो को आज़ाद करें हम।
बनस्पती जो काट रहे हैं,
उसका ना इतना घान करें हम।
मेहल तो बहुत डाल लिए हैं,
थोड़ा कुदरत का भी ख्याल करें हम।
मिलकर नव निर्माण करें हम।