"मन के भीतर लिखें ख़त"
मन के भीतर लिखें ख़त,
रद्दी ज़िन्दगी का एहसास करा रहे हैं..!
वो दूरियों के दरख़्त लगा लगा कर,
हमें कुछ यूँ डरा रहे हैं..!
अल्फ़ाज़ों की आवाज़ मंद पड़ी,
बड़ी चतुरता से हमें...
रद्दी ज़िन्दगी का एहसास करा रहे हैं..!
वो दूरियों के दरख़्त लगा लगा कर,
हमें कुछ यूँ डरा रहे हैं..!
अल्फ़ाज़ों की आवाज़ मंद पड़ी,
बड़ी चतुरता से हमें...