...

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थक सा रहा हूँ ए ज़िन्दगी
थक सा रहा हूँ ए ज़िन्दगी तेरे सवालों से
कम सा रहा हूँ हर रोज़ देते जवाबों से

क्यों हर बार नए सवाल करता है तू
क्यों बेवजह ही मुझे परेशां करता है तू

उम्र नहीं मेरी इतनी जो तुझे समझ सकूँ
हौसला इतनी नहीं जो तेरे आगे टिक सकूँ

एक मासूम सा हूँ तेरे तौर तरीके क्या जानू
एक...