बेनाम ...
ज़िन्दगी का हर दिन
ढलती शाम सा था
मैं भी कुछ खास नहीं
लड़का वो भी आम सा था
कुछ पता नहीं था उसके बारे में
शख्स वो बेनाम सा था
दूर थे बहूत अलग भी
फिर भी महफ़िलो में
अभ हमारा नाम सा था
दो अनजान बशर थे हम
ना कोई फरिश्ता था
हमें खास बनाने वाला
दिल से दिल का रिश्ता था
© Old_Soul
ढलती शाम सा था
मैं भी कुछ खास नहीं
लड़का वो भी आम सा था
कुछ पता नहीं था उसके बारे में
शख्स वो बेनाम सा था
दूर थे बहूत अलग भी
फिर भी महफ़िलो में
अभ हमारा नाम सा था
दो अनजान बशर थे हम
ना कोई फरिश्ता था
हमें खास बनाने वाला
दिल से दिल का रिश्ता था
© Old_Soul