...

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विरह की रजनी...
विरह की अब रजनी बीते..
आये मिलन की बेला!
मेरे पिया की बाहें मिले,
मेरे अरमानों का झूला!
उनके स्पर्श से खिल उठे,
मेरे तन के पुष्प अनमोल...
मेरे...