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मैं तू जुदा नहीं -तेरी साथी
रिश्ता तेरा मेरा कुछ हैं ही नहीं क्यूँकि मैं और तू जुदा हैं ही नहीं।

कहने को झगड़ जाते हैं पर सच कहे तो तुझसे बढ़कर कुछ हैं ही नहीं।

मेरे सपने मेरी आकांक्षाये सब तुमसे जुडी हुई ये।

तुम्हारा साथ होना कोई छोटी बात नहीं हैं।

कमज़ोर धागो के रिश्तो से मज़बूत हैं, हमारा रिश्ता नहीं हमारा तो जीवन एक हैं।

मेरी हसीं की वजह हो फ़िक्र हो मेरे दिल की तुम।

तुम भूलों भी पर मैं ना भूलू कभी के पल यें तो ऐसे ही लिख देती हुँ।

नहीं तो तेरे लिए कोई शब्द नहीं बिना शब्द तेरा मोल वो हैं जों बेमोल कहलाता हैं।

मैं तेरी रूह से जुडी तेरी रूह की साथी हुँ।

ख़ुद को कभी अकेला समझ मत लेना मैं तेरे साथ हर पल हर सांस में हुँ।

तेरे दिल की धड़कन में बसने वाली।

तेरी दोस्त तेरी साथी।

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© Aarti kumari singh