मेरे साथ बैठ कर
वैसे तो उसका जीवन, समर्पित है मुझे,
तन , मन, धन,जीवन, सब सौपा है मुझे,
मगर,फिर भी, कभी कभी लगता हैं ऐसा,
जैसे,"मेरे साथ बैठ कर" भी वो साथ नहीं.!1
घेरे हुए हैं उसे कुछ, अतीत की यादें,
या परेशान करते हैं, वो अधूरे से वादें,
यादों की गहरी खाई ,और वादों का ये पर्वत,...
तन , मन, धन,जीवन, सब सौपा है मुझे,
मगर,फिर भी, कभी कभी लगता हैं ऐसा,
जैसे,"मेरे साथ बैठ कर" भी वो साथ नहीं.!1
घेरे हुए हैं उसे कुछ, अतीत की यादें,
या परेशान करते हैं, वो अधूरे से वादें,
यादों की गहरी खाई ,और वादों का ये पर्वत,...