सदाशिव-"संरक्षण में तुम्हारे"
Inspired: by kanahiya, jara sa dhayan rakhna Mera ( chitralekha ji)
मुखड़ा:
सदाशिव ओ मेरे,
संरक्षण में तुम्हारे,
मैंने अपनी परवा छोड़ी।
तुम ही संगी, तुम सखा हो,
इस जगत के तुम पिता हो।
---
अंतरा 1:
तेरा हाथ जिसके सिर पर,
वो कष्टों में भी सुखी है।
जो तुझसे है विमुख,
वो सुख में...
मुखड़ा:
सदाशिव ओ मेरे,
संरक्षण में तुम्हारे,
मैंने अपनी परवा छोड़ी।
तुम ही संगी, तुम सखा हो,
इस जगत के तुम पिता हो।
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अंतरा 1:
तेरा हाथ जिसके सिर पर,
वो कष्टों में भी सुखी है।
जो तुझसे है विमुख,
वो सुख में...