मैंने भी यारो इश्क़ किया है आँसू पीना सीख लिया है
जुस्तजू जिसकी थी वही न मिला
गुजरता गया इश्क़ का काफिला
सुनी कब दुबारा सदा-ए-मुहब्बत
उम्रभर ही रहा दरमियाँ फाँसला
दूर होती गयीं दिन-ब-दिन मंजिलें
कदम थक गए क्या ...
गुजरता गया इश्क़ का काफिला
सुनी कब दुबारा सदा-ए-मुहब्बत
उम्रभर ही रहा दरमियाँ फाँसला
दूर होती गयीं दिन-ब-दिन मंजिलें
कदम थक गए क्या ...