दिल~
दिल, ये भी कितना अजीब है ना
कभी हस्ता है, कभी रोता है |
कभी अपनों से ही ख़फ़ा हो जाता है|
ना अंजाने मे भी प्यार कर लेता है, पर यहीं किसी का होने से डरता है | ...
कभी हस्ता है, कभी रोता है |
कभी अपनों से ही ख़फ़ा हो जाता है|
ना अंजाने मे भी प्यार कर लेता है, पर यहीं किसी का होने से डरता है | ...