...

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इश्क काफी है

पाना नहीं है इश्क,
उसकी खुशी ही मेरे लिए काफी है।
उसके साथ वक्त बिताना ही काफी है।
उसे रोकना , टोकना नहीं
मेरे लिये तो उसकी आंखो की चमक ही काफी है।
वो खुश हैं मुझसे दूर रह कर,
और क्या कहूं मुझे ये फैसला भी मंजूर है उसका,
क्युकी मेरे लिये तो उसकी दुरिया भी काफी है।
चाहत नहीं हैं मुझे उसे हासिल करने की ना उसे अपना बनाने की,
मेरे लिए तो उसकी यादे ही काफी है।
चाहत मेरी एक तरफ ही सही कोई गम नहीं,
मेरी दुआओ में जिक्र उसका होगा कभी कम नहीं।
क्यों की पाना नहीं है इश्क,
उसकी खुशी में खो जाना है इश्क।
बस मेरे लिये इतना ही काफी है।

@kajalgupta
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