त्याग
बदलेगा ना कुछ भी ,
चाहे तू याद रखे बात जो बीती,
चाहे तू निराशा मे बिताले अपनी ज़िन्दगी,
घृणा में बिताले अपनी ज़िन्दगी,
चलेगा सब वैसा ही ।
रोज़ एक नया सवेरा होगा,
चहकेंगे ...
चाहे तू याद रखे बात जो बीती,
चाहे तू निराशा मे बिताले अपनी ज़िन्दगी,
घृणा में बिताले अपनी ज़िन्दगी,
चलेगा सब वैसा ही ।
रोज़ एक नया सवेरा होगा,
चहकेंगे ...