मिलन की आस
*मिलन की आस*
*रात गुज़र गई, सुबह हो गई,*
*शम्मा बुझ गई, रोशनी चली गई,*
*खत्म हो गई इन्तज़ार की घड़ियां,*
*सुहाने मिलन की आस मिट गई ।*
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*रात गुज़र गई, सुबह हो गई,*
*शम्मा बुझ गई, रोशनी चली गई,*
*खत्म हो गई इन्तज़ार की घड़ियां,*
*सुहाने मिलन की आस मिट गई ।*
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