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#सडक #धांधली
#सड़क
आधा सड़क सरकार का,
आधा सड़क निर्माणकार का;
आधा सड़क बेघर यार का,
आधा बचा खुचा मुसाफिर का ।
सडक से संवेदना हिन बन बैठे है लोग,
सडक का कारोबार से कर बैठे हैं संयोग ।
जब चाहा जहाँ चाहा जैसे भी चाहा
बपौती संपत्ति मान अड़चनें डाल देते।
म्युनिसिपल को हर पल ठेंगा दीखा देते
बहुत हुआ तो मुसाफिरों से भीड़ जाते ।
दूसरों को हैरान करने में बड़ा ही चाव है
दर्द दूसरे का कहाँ देता किसीको घाव है ?
मनघडन्त कायदे कानून को चंद पैसों में खरीद लेते
नेता कारोबारी अधिकारी सब भाई भाई बांट लेते ।
चोरी पर सिनाजोरी का जरिया बन गई सडक
किसिकी आयका साधन किसीका सरदर्द बन गई सडक ।
पक्ष विपक्ष के लिए लडाई का मैदान बन ग ई सडक !
अखबारों के टी.आर.पी.बटोरने का खिलौना बन गई सड़क !
राजनेताओं के लिए सत्ता का राजमार्ग तो
किसानों के लिए रूलाई का जरिया बन गई सडक !
© Bharat Tadvi
आधा सड़क सरकार का,
आधा सड़क निर्माणकार का;
आधा सड़क बेघर यार का,
आधा बचा खुचा मुसाफिर का ।
सडक से संवेदना हिन बन बैठे है लोग,
सडक का कारोबार से कर बैठे हैं संयोग ।
जब चाहा जहाँ चाहा जैसे भी चाहा
बपौती संपत्ति मान अड़चनें डाल देते।
म्युनिसिपल को हर पल ठेंगा दीखा देते
बहुत हुआ तो मुसाफिरों से भीड़ जाते ।
दूसरों को हैरान करने में बड़ा ही चाव है
दर्द दूसरे का कहाँ देता किसीको घाव है ?
मनघडन्त कायदे कानून को चंद पैसों में खरीद लेते
नेता कारोबारी अधिकारी सब भाई भाई बांट लेते ।
चोरी पर सिनाजोरी का जरिया बन गई सडक
किसिकी आयका साधन किसीका सरदर्द बन गई सडक ।
पक्ष विपक्ष के लिए लडाई का मैदान बन ग ई सडक !
अखबारों के टी.आर.पी.बटोरने का खिलौना बन गई सड़क !
राजनेताओं के लिए सत्ता का राजमार्ग तो
किसानों के लिए रूलाई का जरिया बन गई सडक !
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