...

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फुर्सत
फुर्सत ना मिले उनको अपने कामों से
काम बड़े हो गए इन इंसानों के।

अपनों पर ध्यान ना देते, कामों से प्यार इन्हे
इतना भी क्या काम जो खाना भी ना ध्यान इन्हे।

काम करते-करते भूल गए वो अपनों को
ध्यान नहीं दिया उन बदलते हुए लम्हों को।

बदला वक्त, बदले इंसान, बदले उनके अंदाज़ भी
पर जैसे जैसे अंदाज़ बदले, बदले उनके व्यवहार भी।

"मैं कहता नहीं, काम ना करो अपना
काम तो होता है हर इंसान का सपना
काम ना मिले तो हो जाता ये देश सुना
नहीं होता यहां जीने का एक भी कोना"

👉काम जरूरी पर अपनो के लिए समय निकालना उससे भी जरूरी।।।।।।।

👉YOU SHOULD GIVE SOME TIME TO YOUR FAMILY…….

-AaZaDकलम✍️

© AaZaD कलम