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प्रेम....
प्रेम बिन जग है सुन,
प्रेम ने जग मे मचा रखी है धूम,
कोई करे पशु, पक्षी से प्रेम,
तो कोई कही लताओ मे छुपके,
कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिलने को आये ।
प्रेम के दो मीठे बोल बोलकर
जग वश मे कर ले मानुस,
क्रोध, इर्ष्या कर लोगो से,
क्या पाया किसी ने और क्या पायेगा,
प्रेम से जिंदगी निर्वाह कर पाया,
तो शत्रु को भी अपना मित्र बनायेगा,
प्रेम से कर हर कार्य जीवन मे,
सबके मन को मोह जग मे नाम कमायेगा,
दुख हो बहुत फ़िर भी तू ,
उस दुख मे खुशी ढूंढ मुस्कुरायेगा ।
Written by आफरीन
#prem #kary #man #moh #dukh #muskurahat #mitra #satru #krodh #irshya
© sincere girl
प्रेम ने जग मे मचा रखी है धूम,
कोई करे पशु, पक्षी से प्रेम,
तो कोई कही लताओ मे छुपके,
कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिलने को आये ।
प्रेम के दो मीठे बोल बोलकर
जग वश मे कर ले मानुस,
क्रोध, इर्ष्या कर लोगो से,
क्या पाया किसी ने और क्या पायेगा,
प्रेम से जिंदगी निर्वाह कर पाया,
तो शत्रु को भी अपना मित्र बनायेगा,
प्रेम से कर हर कार्य जीवन मे,
सबके मन को मोह जग मे नाम कमायेगा,
दुख हो बहुत फ़िर भी तू ,
उस दुख मे खुशी ढूंढ मुस्कुरायेगा ।
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