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सार है संघर्ष ही जीवन का
जिन्दगी है तो है संघर्ष भी !
उन्नति है तो है अपकर्ष भी !!
आशा-निराशा से भरा जीवन ,
इसमें विपदा भी और हर्ष भी !!
यहाँ हार भी होती है कभी कभी !
उसी हार से निकले सफलता द्वार भी !!
धैर्य धर करें सम्पूर्ण प्रयास तो तय है ,
मिलना मंज़िल और फूलों के हार भी !!
परीक्षाएँ आती है निखार लाने को !
जीवन स्वप्न करने साकार ,सजाने को !!
स्वर्ण तपकर ही चमकता है ,बनता है कुन्दन भी ,
परिश्रमी को ही मिलता यश और अभिनन्दन भी !!
सार है संघर्ष ही जीवन का , बढ़ते रहो ,बढ़ते रहो !!
इष्ट पथ पर ग़म मिले या खुशियाँ बढ़ते रहो बढ़ते रहो !!
©MaheshKumar Sharma
10/4/2023
#writcopoem
#MeriKavitaye
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