मैं वापस आऊंगा ( मोटीवेशन कविता )
कतर दिये है वक़्त ने पर इस परिंदे के....
वरना हौसलो के आगे पिंजरे की औकात क्या थी....
हरा भरा पेड़ एक दीमक ने खा लिया अंदर से....
और किसी को पता भी नही की बात क्या थी...
सो गया है मेरे अंदर...
वरना हौसलो के आगे पिंजरे की औकात क्या थी....
हरा भरा पेड़ एक दीमक ने खा लिया अंदर से....
और किसी को पता भी नही की बात क्या थी...
सो गया है मेरे अंदर...